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आज एक बार फिर दिल दहला देने वाले मामले शामने आए है. दरअसल, जिस रोटी की तलाश में घर से निकले थे दिहाड़ी मजदूर, वह उनके बेजान शरीर के पास बिखरी पड़ी हैं. लॉकडाउन के चलते ये सभी मजदूर अपने घर जाने के लिए 40 किलोमीटर चलकर आए थे. थकान ज्यादा लगी, तो पटरी पर सो गए. लेकिन उन्हें क्या पता था कि उनका सफर यही खत्म हो जाएगा. महाराष्ट्र के औरंगाबाद में मालगाड़ी से 16 मजदूरों के कटने का मंजर दिल को चीर रहा है। खामोश पटरियों पर मौत का सन्नाटा पसरा है.
बताया जा रहा है कि 18 मजदूर महाराष्ट्र की एक स्टील फैक्ट्री में काम करते थे. लॉकडाउन की वजह से काम बंद था. इन्होंने सोचा होगा ऐसे में घर ही चले जाएं. लॉकडाउन में यातायात के साधन बंद हैं और इन्हें औरंगाबाद रेलवे स्टेशन पहुंचना था. ये सभी मजदूर मध्य प्रदेश के बताए जा रहे हैं, मध्य प्रदेश के लिए औरंगाबाद से ट्रेन चल रही थी. इसलिए पटरी-पटरी स्टेशन के लिए निकल पड़े. खबरों के मुताबिक, ये लोग जालना से औरंगाबाद पैदल जा रहे थे. दोनों के आपस की दूरी कुल 60 किलोमीटर है.
सोचा होगा....ट्रेन नहीं आएगी
कोरोना वायरस लॉकडाउन के बीच ट्रेनें नहीं चल रही. हो सकता पैदल चलते वक्त इन लोगों को कोई ट्रेन मिली भी न हो. ऐसे में रात में थककर इन्होंने पटरी पर ही बिस्तर लगा लिया. यही इनकी सबसे बड़ी भूल साबित हुई. सुबह-सुबह वहां से एक ट्रेन (माल गाड़ी) गुजरी और इन्हें मौत की नींद सुला गई.
रिपोर्टर
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Rashtra Jagrook (Admin)