-छिड़कावकर्मी घरों की दीवारों पर सिंथेटिक पायराथायराइड का कर रहे छिड़काव
-पांच प्रखंडों की 13 पंचायतों के 14 गांवों में 60 दिनों तक चलेगा यह अभियान
भागलपुर, 17 जून-
जिले को कालाजार से मुक्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयासरत है। इसी सिलसिले में कालाजार से प्रभावित प्रखंडों में सिंथेटिक पायराथायराइड का छिड़काव किया जा रहा है। यह अभियान 60 दिनों तक चलेगा। इसके तहत पीरपैंती प्रखंड की राजगांव पंचायत के खुशालपुर, इसी पंचायत के बरमसिया, सलेमपुर पंचायत के सलेमपुर और मोहनपुर पंचायत के छोटी मोहनपुर गांव में छिड़काव कराया जा रहा है। इसी तरह कहलगांव प्रखंड की केरैया पंचायत के सत्ती महागामा, लगमा पंचायत के ब्रह्मचारी, सदानंदपुर बैसा पंचायत के नारायणपुर, बंशीपुर पंचायत के किशनपुर और एकचारी पंचायत के एकचारी गांव में छिड़काव कराया जा रहा है। बिहपुर प्रखंड की बिहपुर मध्य पंचायत के विक्रमपुर गांव में छिड़काव का काम चल रहा है। सन्हौला प्रखंड की सनोखर पंचायत के महेशखोर, अरार पंचायत के बेला फुलवरिया, तेलौंडा पंचायत के अफजलपुर गांव में छिड़काव का काम चल रहा है। जगदीशपुर प्रखंड की चांदपुर पंचायत के अजमेरपुर गांव में सिंथेटिक पायराथायराइड का छिड़काव कराया जा रहा है।
कोई भी घर छूटे नहीं, रखा जा रहा ख्यालः छिड़काव की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। कोई भी गांव या कोई भी घर छूट नहीं जाए, इसका ख्याल रखा जा रहा है। शुक्रवार को बिहपुर के विक्रमपुर गांव में छिड़काव कार्य का जायजा लेने पहुंचे केयर इंडिया के डीपीओ मानस नायक ने बताया कि छिड़काव को लेकर कर्मियों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। उन्हें बताया है कि घर की दीवारों में छह फीट की ऊंचाई तक छिड़काव करना है। साथ ही किवाड़, दरवाजा सहित घर का कोई भी हिस्सा छूट नहीं जाए, इसका विशेष ध्यान रखने के लिए कहा गया है। छिड़काव के समय घर के सभी सामान एक जगह पर रखकर छिड़काव करना है, ताकि कोई भी हिस्सा छूट नहीं जाए।
घर के पास जलजमाव नहीं होने दें: जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ. दीनानाथ ने बताया कि कालाजार उन्मूलन को लेकर दवा का छिड़काव किया जा रहा है, लेकिन लोगों को भी बीमारी से बचाव के लिए घर के आसपास जलजमाव नहीं होने देना चाहिए। यदि जलजमाव की स्थिति है तो उसमें केरोसिन तेल डालना चाहिए। सोते समय मच्छरदानी लगाएं। साथ ही बच्चों को पूरा कपड़ा पहनायें व शरीर पर मच्छर रोधी क्रीम लगाएं। कालाजार के खतरे को देखते हुए अपने घरों की भीतरी दीवारों और बथानों में कीटनाशक का छिड़काव करने व आसपास के हिस्से को सूखा व स्वच्छ रखने की अपील की गई।
कालाजार की ऐसे करें पहचान: डॉ. दीनानाथ ने बताया कालाजार एक वेक्टर जनित रोग है। कालाजार के इलाज में लापरवाही से मरीज की जान भी जा सकती है। यह बीमारी लिश्मैनिया डोनोवानी परजीवी के कारण होता है। यदि व्यक्ति को दो सप्ताह से बुखार और तिल्ली और जिगर बढ़ गया हो तो यह कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। साथ ही मरीज.को भूख न लगने, कमजोरी और वजन में कमी की शिकायत होती है। यदि इलाज में देरी होता है तो हाथ, पैर व पेट की त्वचा काली हो जाती है। बाल व त्वचा के परत भी सूखकर झड़ते हैं। उन्होंने बताया कि कालाजार के संभावित लक्षण दिखने पर क्षेत्र की आशा से तुरंत संपर्क करना चाहिए और रोगी को किसी नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाना चाहिए।
रिपोर्टर
Dr. Rajesh Kumar
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
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