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- सरकार के गाइलाइन और कोविड-19 से बचाव के संदेश लोगों से कर रहे साझा
- लोगों को अफवाहों से दूर रहने को कर रहे प्रेरित
लखीसराय, 06 नवंबर।
कोविड-19 की रोकथाम एवं लोगों को अफवाहों से दूर रखने के सरकार की मुहिम में सहयोग करने को अब युवा पीढ़ी भी आगे आ चुका है। युवा पीढ़ी के लोग सोशल मीडिया ( जैसे कि फेसबुक, व्हाट्स एप, ट्वीटर आदि ) पर सरकार के सहयोग के लिए कैंपेन कर रहे हैं। यह सोशल मीडिया के माध्यम से सामुदायिक स्तर पर प्रत्येक व्यक्ति तक कोविड-19 से बचाव के लिए आवश्यक जानकारी पहुँचा रहे हैं। साथ हीं अफवाहों से दूर करने के लिए तरह-तरह के सकारात्मक संदेश भी पहुँचा रहे हैं । ताकि लोग कोविड-19 से बचाव के लिए सरकार व स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन पर यकीन करें, न कि अफवाहों को सही मानें।
- सोशल मीडिया से लोगों तक पहुँचा रहें हैं सकारात्मक संदेश :-
सोशल मीडिया पर कोरोना को लेकर कुछ इस तरह के सन्देश देखने को मिल रहे हैं ...‘‘मैं कोविड-19 के दौरान भेदभाव एवं तिरस्कार के खिलाफ हूँ। कोविड-19 के दौरान फैल रही किसी भी प्रकार की भ्रामक जानकारियों को स्वीकार नहीं करूँगा’’। यह सोच यदि आप की आवाज बन रही है तो समझिए आप महामारी के इस दौर में यूथ चैम्पियन बनने को तैयार हैं। आपकी यह आवाज काफी मायने रखती है। यह विचारों को प्रकट करने का एक ऐसा नजरिया है जो कोरोना काल में किसी भी तरह के भेदभाव या तिरस्कार झेल रहे व्यक्ति को राहत पहुंचा सकती है। कोविड-19 के दौर में जिस रफ्तार से संक्रमण का प्रसार हुआ है। उसी रफ्तार से कोरोना को लेकर भेदभाव एवं तिरस्कार के मामले में भी वृद्धि हुई है। इसके खिलाफ केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भी (togetherAgainstCOVID19) के तहत मुहिम शुरू कर चुकी है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने यूथ को इस मुहिम की महत्वपूर्ण कड़ी मानते हुए उत्साह और दृढ़ता के साथ तिरस्कार और भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाने संबंधी गाइडलाइन जारी की है।
-तिरस्कार एवं भेदभाव को समझना जरूरी : -
सूर्यगढ़ा निवासी जय माता दी मेडिको दुकान के दुकानदार निरंजन कुमार ने अपने फेसबुक अकाउंट पर लिखा कि कोविड-19 के दौर में लोगों में फैले तिरस्कार व भेदभाव के खिलाफ जागरूकता फैलाने में युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है। जारी निर्देशिका में बताया गया है कि स्वास्थ्य सेवाओं के संदर्भ में तिरस्कार का मतलब होता है आपकी बीमारी के चलते कोई व्यक्ति समुदाय आपको नकारात्मक तरीके से देखता है। महामारी के दौर में इसका मतलब यह होता है कि किसी एक बीमारी से जुड़े लोगों को चिन्हित कर उनके साथ भेदभाव या अलग व्यवहार किया जाए। उनकी सामाजिक स्थिति और छवि को नुकसान पहुंचाया जाए। इस तरह का व्यवहार उन लोगों को जो खुद बीमारी से जूझ रहे हो या उनकी देखभाल करने वाले परिवार सदस्य, दोस्तों और समुदाय के लोगों को प्रभावित कर सकता है।
- एडवोकेसी के माध्यम से सोच में आएगा बदलाव :-
सूर्यगढ़ा निवासी युवक अमरेश कुमार ने अपने फेसबुक अकाउंट पर लिखा कि एडवोकेसी का मतलब है किसी मुद्दे को पहचानना और बदलाव की ओर काम करना। जारी निर्देशिका में बताया गया है कि एडवोकेसी के जरिए हम समाज के कमजोर वर्ग की आवाज उठाने में मदद करते हैं। क्योंकि जिन विचारों और परंपराओं में हम बदलाव लाना चाहते हैं। उनका असर इन्हीं वर्गों पर सबसे ज्यादा होता है। एडवोकेसी इसी सामूहिक आवाज का प्रयोग अधिकारों के बचाव और सुरक्षा के लिए करती है। साथ ही अलग-अलग कार्यों और नई शुरुआत में समर्थन करती है। यह बदलाव व्यक्तिगत स्तर, स्थानीय स्तर (उदाहरण के लिए स्थानीय सरकार, पुलिस, धार्मिक नेताओं या योर स्कूल) एवं राष्ट्रीय स्तर पर भी हो सकती है।
- 2 मिनट से 15 मिनट का समय निकालकर आप भी कर सकते हैं मदद:-
सूर्यगढ़ा निवासी युवक मानस कुमार ने लिखा कि 2 मिनट से 15 मिनट का समय निकालकर आप भी कोविड-19 के खिलाफ मुहिम में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। कोविड-19 से संबंधित सही जानकारी के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, विश्व स्वास्थ संगठन, यूनिसेफ दस्तावेजों को ही फॉलो करें, इसमें आपका 2 मिनट से कम का समय जाएगा। 10 मिनट से 15 मिनट का समय निकालकर कोविड-19 से जुड़े तथ्यों पर विडियो, थैंक्यू कार्ड एवं मिथकों को उजागर करने वाले पोस्ट लिखकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट या टि्वटर हैंडल से सोशल मीडिया संदेशों और ग्राफिक्स को अपने फेसबुक, व्हाट्सएप, स्नैपचैट इंस्टाग्राम या किसी दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर साझा करें। उचित दूरी बनाकर रखते हुए कोरोना वारियर्स के साथ खींची गई अपनी सेल्फी को सोशल मीडिया पर साझा करें। अपने कोरोना योद्धा को वीडियो कॉल करें और स्क्रीनशॉट ले या उचित दूरी रखते हुए तस्वीर लेकर सोशल मीडिया पर साझा करें।
- मिथकों को उजागर करने वाले पोस्ट शेयर करें :-
जारी निर्देशिका में बताया गया है कि कोविड-19 से संबंधित सही जानकारी देने वाले और मिथकों को उजागर करने वाले पोस्ट साझा करें। भ्रामक जानकारी न फैलाएं। इससे समाज में तिरस्कार और भेदभाव को रोकने में सहायता होगी। इस तरह के पोस्ट का प्रिंट लेकर आप उन्हें अपने आसपास चिपका सकते हैं। इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर करें। तिरस्कार का क्या मतलब है, और यह समाज और लोगों के लिए कितना हानिकारक है। इससे जुड़ी जानकारी सोशल मीडिया पर साझा करें। लोगों को भेदभाव के खिलाफ खड़े होने के लिए प्रेरित करें।
- गलत जानकारी फैलाने वालों को रोकें :-
महामारी के दौर में ज्यादातर लोग परेशान और बड़े हुए हैं और इस मुश्किल समय में लोग कई बार गलत और गैर-तथ्यात्मक जानकारी साझा कर जाते हैं। अक्सर लोगों को यह पता ही नहीं होता है कि सही जानकारी कहां से मिल सकती है। जारी निर्देशिका में यह बताया गया है कि यदि कोई व्यक्ति या आपका दोस्त गलत जानकारी फैला रहा है तो उनसे मिलकर या फिर इनबॉक्स में मैसेज कर उनसे संपर्क कर सही तथ्यों को बताएं। याद रखें आपका उद्देश्य उन्हें नीचा दिखाना नहीं बल्कि उनकी सोच बदलना है। उन्हें बताएं कि जो बातें या सुझाव उन्होंने शेयर किया है उसका स्रोत विश्वसनीय नहीं है। उन्हें किसी विश्वसनीय स्रोत के बारे में जानकारी दें। जहां से वह सही जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
अगर कोई भेदभाव को बढ़ावा दे रहा है तो क्या करें :-
जारी निर्देशिका में यह बताया गया है कि अगर कोई भेदभाव को बढ़ावा दे रहा है तो उन्हें यह बताएं कि वायरस किसी को भी प्रभावित कर सकता है और इसका किसी खास समूह के लोगों से कोई लेना देना नहीं है। उन्हें तथ्य उपलब्ध कराएं और शांत तरीके से बताएं कि अलग-अलग लोग किस तरह प्रभावित हैं । उन्हें बताएं कि किसी एक समूह या वर्ग को अलग कर या उन्हें वायरस के लिए जिम्मेदार ठहराने के गंभीर नतीजे हो सकते हैं। इससे हिंसा बढ़ सकती है और इससे लोग जरूरत होने पर भी इलाज के लिए सामने नहीं आएंगे। जिससे बीमारी और बढ़ सकती है। इस समय एक दूसरे का साथ देना और सभी का सहयोग करना एक दूसरे के प्रति दया और करुणा का भाव जरूरी है। भले ही हम डरे हुए हों। खुद को संयमित रखें भले ही आप निराश या गुस्से में हों ।
कोरोना काल में इन उचित व्यवहारों का करें पालन--
- एल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का प्रयोग करें।
- सार्वजनिक जगहों पर हमेशा फेस कवर या मास्क पहनें।
- अपने हाथ को साबुन व पानी से लगातार धोएं।
- आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें।
- छींकते या खांसते वक्त मुंह को रूमाल से ढकें।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Manvendra Kumar