कालाजार उन्मूलन को लेकर अभियान तेज

जिले के 12 प्रखंडों के चिह्नित गांवों में सिंथेटिक पाइराथाइराइड का हो रहा छिड़काव

गोराडीह प्रखंड का सिर्फ एक गांव था चिह्नित, वहां पर छिड़काव का काम पूरा  

भागलपुर, 20 मई

कोविड-19 के साथ-साथ कालाजार उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अभियान को तेज कर दिया है। अभी जिले के 12 प्रखंडों के चिह्नित गांवों में कालाजार उन्मूलन को लेकर छिड़काव चल रहा है। 

 पिछले तीन साल के दौरान जिस गांव में कालाजार के मरीज मिले हैं, उसे चिह्नित किया गया है और वहां पर अभियान चल रहा है। जिले में 16 प्रखंड हैं, जिनमें नवगछिया, बिहपुर और नाथनगर प्रखंड कालाजार से मुक्त है और गोराडीह में अभियान समाप्त हो गया है। इसलिए बाकी 12 प्रखंडों में स्वास्थ्य विभाग की टीम छिड़काव कर रही है। स्वास्थ्यकर्मी घरों की दीवार पर छह फीट की ऊंचाई तक सिंथेटिक पाइराथाइराइड का छिड़काव कर रहे हैं। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी कुंदन भाई पटेल ने बताया कि कालाजार की रोकथाम व इसके सौ फीसदी उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है। प्रभावित प्रखंडों में अभियान चलाया जा रहा है। इसी कम्र में माइक्रोप्लान के तहत फिर से इस अभियान की शुरुआत की गयी है। अभियान के दौरान स्वास्थ्यकर्मी चिह्नित गांवों में जा रहे हैं। 

 

घर के पास जलजमाव नहीं होने दें: डॉक्टर पटेल ने लोगों से अपील की कि बीमारी से बचाव के लिए घर के आसपास जलजमाव नहीं होने दें। सोते समय मच्छरदानी लगाएं। साथ ही बच्चों को पूरा कपड़ा पहनाने व शरीर पर मच्छर रोधी क्रीम लगाने के लिए भी कहा है। कालाजार के खतरे को देखते हुए अपने घरों की भीतरी दीवारों और बथानों में कीटनाशक का छिड़काव करने व आसपास के हिस्से को सूखा व स्वच्छ रखने के लिए कहा गया है। 

 

केयर की टीम कर रही सहयोग: केयर इंडिया के डीपीओ मानस नायक ने कहा कि जिले के 73 चिह्नित गांवों में स्वास्थ्य विभाग की टीम छिड़काव कर रही है। भागलपुर के तीन प्रखंड कालाजार से मुक्त हैं। अन्य 12 प्रखंडों में छिड़काव अभियान चलाया जा रहा है। गोराडीह प्रखंड में सिर्फ एक गांव चिह्नित था, इसलिए वहां अभियान खत्म हो गया। 

 

कालाजार की ऐसे करें पहचान: कालाजार एक वेक्टर जनित रोग है। कालाजार के इलाज में लापरवाही से मरीज की जान भी जा सकती है। यह बीमारी लिश्मैनिया डोनोवानी परजीवी के कारण होता है। कालाजार एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलने वाली बीमारी है। यदि व्यक्ति को दो सप्ताह से बुखार हफ्ते से बुखार और तिल्ली और जिगर बढ़ गया हो तो यह कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। साथ ही मरीज को भूख न लगने, कमजोरी और वजन में कमी की शिकायत होती है। यदि इलाज में देरी होता है तो हाथ, पैर व पेट की त्वचा काली हो जाती है। बाल व त्वचा के परत भी सूख का झड़ते हैं। कालाजार के लक्षणों के दिखने पर रोगी को तुरंत किसी नजदीकी अस्पताला या पीएचसी भेजा जाना चाहिए।

रिपोर्टर

  • Rashtra Jagrook (Admin)
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