हेडबट के साथ महानायक जिदान के करियर का दुखद अंत

फुटबॉल से किसी महानायक की वैसी विदाई नहीं हुई होगी और ना ही कोई चाहेगा जैसी फ्रांस के महान फुटबालर जिनेदीन जिदान की रही। अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास के फैसले को बदलकर कोच रेमंड डोमेनेक के कहने पर जर्मनी में 2006 में वह विश्व कप खेलने उतरे। इसके बाद सब कुछ सपने सरीखा रहा और टीम को वह फाइनल तक ले गए। अंतिम 16 में स्पेन को हराने के बाद फ्रांस का सामना ब्राजील से था, जिसे वह 1998 फाइनल में हरा चुकी थी। ब्राजील के पास रोनाल्डो, रोनाल्डिन्हो और काका जैसे खिलाड़ी थे और उसे हराना नामुमकिन सा लग रहा था। जिदान की फ्रीकिक पर थियरे हेनरी ने फ्रांस के लिये गोल किया और टीम प्रबल दावेदार ब्राजील को हराकर सेमीफाइनल में पहुंच गई। जिजोउ की पेनल्टी ने टीम को अंतिम चार में भी जीत दिलाई। दोनों मैचों में वह फ्रांस की जीत के सूत्रधार रहे और चिर परिचित करिश्माई फार्म में नजर आये। उस समय 34 बरस के जिदान का विश्व कप के साथ फुटबाल को अलविदा कहना तय लगने लगा था लेकिन नियति को कुछ और मंजूर था। इटली के खिलाफ फाइनल में जिदान ने टीम को शुरूआती बढत दिलाई। इटली के लिये मार्को मातेराज्जी ने 19 वें मिनट में बराबरी का गोल दागा। मैच पेनल्टी शूटआउट की तरफ बढता दिख रहा था। अतिरिक्त समय में कुछ ही पल बाकी थे और उसके बाद इन दोनों खिलाड़ियों के बीच जो हुआ, वह विश्व कप के इतिहास का काला अध्याय है। टीवी कैमरे पहले उस घटना को कैद नहीं कर सके लेकिन अचानक मातेराज्जी मैदान पर गिरे हुए दिखे। इसके बाद रिप्ले में पता चला कि उन्होंने जिदान को कुछ कहा और फिर जिदान ने सिर से उसकी छाती पर प्रहार किया जो एक पेशेवर खिलाड़ी के तौर पर उसका आखिरी हेडर था। जिदान को लालकार्ड देखना पड़ा और फ्रांस हार गया। वह विश्व कप इटली की जीत से ज्यादा जिदान के उस हेडबट के लिये जाना जाता है।

रिपोर्टर

  • Rashtra Jagrook (Admin)
    Rashtra Jagrook (Admin)

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

    Rashtra Jagrook (Admin)

संबंधित पोस्ट