सदर अस्पताल  के  एसएनसीयू में भर्ती 7 नवजात बच्चों को मिल रही है बेहतर स्वास्थ्य सेवा 

 
 
- शिशु रोग विशेषज्ञ की देखरेख यहां 24 घंटे उपलब्ध है बेहतर इलाज की समुचित व्यवस्था 
 
-  28 दिनों तक के नवजात शिशु जो गंभीर बीमारी से ग्रसित होते हैं उनको मुफ्त उपलब्ध कराई जाती बेहतर इलाज की सुविधा 
 
मुंगेर, 16 जून-
सदर अस्पताल परिसर में संचालित स्पेशल न्यूबोर्न केयर यूनिट  (एसएनसीयू) में गंभीर बीमारी से ग्रसित अभी कुल 7 नवजात शिशु इलाजरत हैं। यहाँ आने वाले सभी  नवजातों को 24 घंटे बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। जिला के विभिन्न प्रखंडों में रहने वाले गंभीर बीमारी से ग्रसित नवजात शिशु के परिजन अपने शिशु के समुचित इलाज कराने के लिए सदर अस्पताल परिसर में संचालित एसएनसीयू पहुँच रहे हैं। जहां शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों की मौजूदगी में प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ के द्वारा 24 घंटे बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं दी जा रही है। इस दौरान सुरक्षा के हर मानकों के साथ कोरोना प्रोटोकॉल का पालन किया जाता है। इसकी वजह से ऐसे नवजातों के परिजन अपने नवजात को लेकर बेचिहक सदर अस्पताल परिसर स्थित  एसएनसीयू पहुँच रहे हैं। मुंगेर में एसएनसीयू के सफल संचालन में सदर अस्पताल के उपाधीक्षक (डीएस) डाॅ. पीएम. सहाय और एसएनसीयू के इंचार्ज डॉ. संतोष कुमार का सराहनीय योगदान है। 
 
- जन्म से लेकर 28 दिनों तक के नवजात शिशु को उपलब्ध कराई जाती है एसएनसीयू की सुविधा : 
 
एसएनसीयू मुंगेर के इंचार्ज सह शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि यहाँ जन्म से लेकर 28 दिनों तक के ऐसे नवजात शिशु को भर्ती किया जाता है, जो बर्थ-एस्फिक्सिया, प्री-म्यच्योरिटी (समय से पूर्व जन्म लेने वाले नवजात), न्यू नेटल जॉन्डिस, एलबीडब्ल्यू एवं सेपसिस सहित कई परेशानी से पीड़ित रहते हैं। ऐसे नवजात शिशु को यहां दवाई से लेकर समुचित इलाज कि सभी सुविधाएं मुफ्त उपलब्ध कराई जाती है।
 
- एसएनसीयू में एडमिट नवजातों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए हर जरूरी बातों का रखा जाता है ख्याल : 
उन्होंने बताया कि बताया कि यहाँ आने वाले सभी नवजातों को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराई जा सके, इसके लिए हर जरूरी बातों का ख्याल रखा जाता है। इसके साथ ही यहां एडमिट सभी नवजातों के स्वास्थ्य का नियमित तौर पर फॉलोअप भी किया जाता है। यहां इलाज के दौरान सुरक्षा के हर मानकों के साथ-साथ कोरोना गाइडलाइंस का पूरी तरह से पालन किया जाता है ताकि नवजात को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिल सके और किसी अनावश्यक परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। इसके अलावा नवजात के स्वस्थ शरीर निर्माण को लेकर इलाज के पश्चात की जाने वाली सभी आवश्यक देखरेख की भी नवजात के परिजनों को जानकारी दी जाती और उचित देखरेख के लिए प्रेरित भी किया जाता  है। 
 
- नवजात को स्वस्थ रखने के लिए परिजनों को दी जाती है जानकारी : 
डाॅ. संतोष कुमार ने बताया कि इलाज के पश्चात डिस्चार्ज करने के वक्त अस्पताल कर्मियों एवं चिकित्सकों द्वारा नवजात को स्वस्थ रखने के लिए परिजनों को आवश्यक चिकित्सा परामर्श दिए जाते हैं। ताकि नवजात का स्वस्थ शरीर निर्माण हो। इस दौरान बच्चे को जन्म के बाद छह माह तक नियमित रूप से समय-समय पर स्तनपान कराने, साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखने समेत अन्य आवश्यक जानकारी दी जाती है।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
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