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नईदिल्ली-
भारतीय किसान संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चिरंजीत कुमार शर्मा से हमारे विशेष संवाददाता ने किसानों की सरकार से होने वाले आज के संवाद पर बातचीत की जिसमें उन्होंने बताया कि आज हमें सरकार ने विज्ञान भवन में वार्तालाप के लिए बुलाया था, जिसमें सरकार के तीन मंत्री शामिल थे, जिन्होंने हमसे हमारी मांगों पर बातचीत करते हुए सरकार ने कहा कि हम इसके लिए एक स्वतंत्र कमेटी गठित कर देते हैं, जिसमें दोनों तरफ के प्रतिनिधि शामिल होंगे और अगर सरकार को लगा कि वास्तव में मांग जायज़ है तो सरकार उस पर विचार करेंगी जिसका सीधा सा मतलब है सरकार को किसानों की चिंता दिखाई नहीं दे रही है और वो कमेटी गठन की घोषणा करके हमारे आंदोलन को समाप्त करना चाहतीं हैं जो सीधा सीधा सरकार का ढुलमुल रवैया बताता है, जो हमें मंजूर नहीं है। इसलिए हमारी और से सरकार को नोटिस दिया गया है कि जब तक हमारी मांग पूरी नहीं हो जाती हमारा आंदोलन यूं ही जारी रहेगा।
केन्द्र सरकार को समझना होगा हम सभी किसान सरकार से एक आशा रखते हैं कि वो हमारी समस्या को समझेंगी और कानून को रद्द करेगी।
हमने उनसे जानना चाहा कि क्या उन्हें आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का समर्थन भी मिल रहा है जिस तरह हम कांग्रेस और आम आदमी की होर्डिंग लगाकर रसोई बनाकर ख़ाना बांटा जा रहा है इस पर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा कि किसान के पास अपने खाने के लिए पर्याप्त भोजन सामग्री मोजूद है हमें किसी भी राजनीतिक दल की रसोई की आवश्यकता नहीं है और हम कांग्रेस को बताना चाहतें हैं कि हमारे आंदोलन की वजह सबसे ज्यादा वही पार्टी है जिसने इतने दिन राज करने के बाद भी किसानों को जो दिया उसी का ये हश्र है कि आज किसान अपने वजूद के लिए सड़कों पर है इसलिए ये सभी राजनीतिक दल समझ लें की अब किसान समझदार है और वो अपने आंदोलन का राजनीतिकरण नहीं होने देगा।
उन्होंने अपने वक्तव्य में कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, भीम आर्मी और बिहार के पप्पू यादव को चुनौती देते हुए कहा कि वह किसान के आंदोलन को अपना राजनीतिक एजेंडा बनाने की कोशिश ना करें, वरना उनका भी क्या हश्र होगा किसान के वोट डालते वक्त वो देखेंगे और आंदोलन का राजनीतिकरण करना कितना भारी पड़ता है वो देखेंगे। हम अपने आंदोलन को राजनीति की बिसात नहीं बनने देंगे और ना ही अपने मंच को इसके लिए प्रयोग करने देंगे।
उन्होंने एक बार फिर सरकार को केन्द्र में रखकर कहा कि किसान का दर्द देश की आत्मा का दर्द है। उसे सुनिए और बैठकर खुले मन से हमारी पीड़ा का समाधान कीजिये। हो सकता है सरकार अपनी सोच में किसान यानी हमारे हित को ही कर रही हो लेकिन अगर किसान सशंकित है वह नहीं देख पा रहा है अपना फायदा तो यह सरकार की उस मंशा की हार है, सरकार के बिल की हार है और खुद सरकार की हार है कि उसने जिनके लिए यह बिल बनाया वो बिल उनकी किसी समस्या का समाधान करने में असफल है।और वही किसान आज अपने खेत छोड़कर ठंड में सड़क पर बैठा है।
उन्होंने एक बार फिर कहा कि किसान संगठन कोई राजनीतिक दल नहीं है और ना ही उनके प्रतिनिधि राजनेता है वो इस देश के वो नागरिक हैं जिन्हें अपनी बात रखने का उतना ही हक है जितना राजनीतिक दलों के राजनेताओं को है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री जी ने गंगा किनारे अपने वक्तव्य में कहा था कि सरकार स्वच्छ नियत से कार्य कर रही है लेकिन मैं भारतीय किसान संगठन का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष होने पर भी अपने आपको असहाय महसूस कर रहा हूं और इस ठिठुरन भरी सर्दी में अपने किसान भाइयों को सड़कों पर देखकर बहुत व्यथित हूँ। मेरा केन्द्र सरकार और प्रधानमंत्री जी से आग्रह है कि आप तुरंत हमारी पीड़ा को समझे और हमारी व्यथा खुले दिल से सुनने की पहल करते हुए हमारी समस्या समझे और अपनी मंशा हमे समझाए और एक दूसरे की मंशा, विपदा, संकोच समझकर एक ऐसा समाधान करे और हमारे लिए हमसे पूछकर समझकर नया बिल बनाते ताकि देश के किसानों का आप और आपकी सरकार पर भरोसा बढे, और हमे लगें हम उसी भारत सरकार से बात कर रहे हैं जिसको अगर हम किसानो का वोट नहीं मिलता और देश का हर किसान अपने श्रम से, अपनी उगाये हुए अन्न से आपका समर्थन नहीं करती तो ना आपकी सरकार बन पाती, ना कोरोना काल में भी देश पेट भर भोजन का पाता।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री चिरंजीत शर्मा ने सभी किसानों संगठनों से प्रार्थना कि की अपने आंदोलन और मंच का राजनीतिकरण ना होने दें और राजनीति नेता जो हमारे आंदोलन की आड़ में अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकना चाहते हैं उनकेे प्रयास को विफल करें। उन्होंने कहा कि किसान अपने घर से बाहर निकल कर स्वयं सरकार से अपनी विपदा सुनाने आया है और वह देश की सरकार को स्वयं अपनी बात समझाने में सक्षम है और हमें विश्वास है सरकार अपना गलत रवैया त्याग कर बिल की खामीया समझते हुए बिल को वापस लेकर एक ऐसा बिल बनायेंगे जो किसान के जीवन को सुखमय और बेहतर करेगा।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar